Stock Markets News : भारतीय Shere Market का नाम सुनते ही तीन तस्वीरें दिमाग में बनने लगती है एक ऊंची बिल्डिंग जिस पर एक डिस्प्ले लगी है इस डिस्प्ले पर लाल और हरे अक्षरों में कुछ शब्द इधर से उधर लगातार तेजी से चलते रहते हैं दूसरी एक बुल की मूर्ति तीसरी तस्वीर कान पर हेड्फोन लगाए और कंप्यूटर में लगातार कुछ टाइप कर रहे लोगों की यह तीनों तस्वीर Stock Markets बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE से जुड़ी है
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Stock Markets गिरने के बाद कहाँ जाता है आपका पैसा
कैसे तय होती है Shere की कीमत
Shere की कीमत उसकी कंपनी के प्रदर्शन और घाटे मुनाफे की आकलन प्रति होती है अगर निवेश को और बाजार की जानकारी को लगता है कि भविष्य में कोई कंपनी बेहतर प्रदर्शन कर सकती है तो उसके शेयरो की खरीदारी में तेजी आ जाती है और बाजार में उसकी मांग थी बढ़ने लगती है इसी तरह अगर किसी कंपनी के बारे में यह अनुमान लगी कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा या कारोबार में सुस्ती आएगी तो उसके शेयरो का खेल बिगड़ जाता है और कम कीमत पर बिक बाली शुरू हो जाती है जो की Stock Markets डिमांड और सप्लाई के फार्मूले पर काम करता है
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कहाँ जाता है डूबा हुआ पैसा
अब इसे दूसरे तरीके से समझते हैं Stock Markets में वास्तविक तौर पर कोई पैसा नहीं होता और किसी स्टॉक की कीमत महज उसकी वैल्यूएशन होती है अगर आज आपको स्टॉक ₹100 के भाव से खरीद रहे हैं और दूसरे दिन कंपनी को लेकर आकलन बदल गया जिससे शेयर की कीमत घटकर 80 रुपए पर आ गई अब यह शेयर बेचने पर आपको तो ₹20 का नुकसान हुआ लेकिन इसे खरीदने वाले को सीधे तौर पर कोई फायदा नहीं होगा हां अगर उसे शेयर की वैल्यू दोबारा बढ़कर ₹100 पर पहुंच जाए तो उसे बेचने पर ₹20 का फायदा जरूर हो जाएगा
कैसे बढ़ता है किसी शेयर का प्राइस
कहते हैं Stock Markets सेंटीमेंट का खेल है मतलब निवेशकों की सेंटीमेंट से शेयर की कीमत तय हो जाती है उदाहरण के लिए अगर किसी कंपनी ने कैंसर की दवा बनाने का पेटेंट हासिल कर लिया तो निवेशकों को लगता है कि भविष्य में उसका कारोबार और कमाई भी जरूर बढ़ेगी बस इसी धारणा के बंदे वह कंपनी के Stock खरीदने लगता है और बाजार में उसकी मांग बढ़ाते हैं किंतु Stock Markets में तेजी आनी शुरू हो जाती है यानी कंपनी के बारे में एक धारणा ने उसके वैल्यूएशन को अचानक बढ़ा दिया इसे इंपलीसिट वैल्यू कहते हैं जबकि कंपनी की वास्तविक कीमत उसकी कुल पूंजी में से देनदारियां हटाकर पता की जाती है तो इसे एक्सप्लिसिट वैल्यू कहा जाता है
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सेंसेक्स और निफ्टी गिरने का क्या मतलब होता है
सेंसेक्स और निफ्टी गिरने का मतलब यह नहीं है की सारी कंपनियां घाटे में जा रही है या सबका पैसा डूब रहा है सेंसेक्स 30 बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन का असर बाजार पर स्पष्ट रूप से दिखता है, लेकिन कई बार सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट के बावजूद छोटी कंपनियां अच्छा प्रदर्शन करती रहती हैं। बाजार में जारी गिरावट के पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। की वजह से पिछले साथ कारोबारी दिनों में निवेश को ने 17 लाख 23 हजार करोड रुपए गवा दिए मतलब यह है कि यह पैसा किसी की जेब में जाने की वजह कंपनियों की वैल्यूएशन करने से हवा में गायब हो गया
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